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kavita


सोमवार, 9 अगस्त 2010

जिधर जाते हैं सब ,उधर जाना अच्छा नही लगता... मुझे फरमान रास्तों का सफर अच्छा नही लगता (जावेद अख्तर)
प्रस्तुतकर्ता rajesh पर 9:26 am

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